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भारत में कैंसर का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। देश में कैंसर का देर से पता लगना, इलाज का खर्च और इलाज की सुविधाओं की कमी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। देश की स्वास्थ्य व्यवस्था अभी भी कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने में सक्षम साबित नहीं हुई है। इस संबंध में आईसीएमआर ने एक रिपोर्ट जारी की है।
भारत में अभी भी कैंसर के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों में बहुत सीमित इलाज उपलब्ध है, जबकि निजी अस्पतालों का खर्च आम आदमी की पहुंच से बाहर है। दिल्ली में एम्स जैसे बड़े संस्थानों में इलाज की सुविधाएं होने के बावजूद मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि समय पर इलाज मिल पाना मुश्किल है। ऐसे में कई बार जांच के बाद भी सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है।
कैंसर पर आईसीएमआर की रिपोर्ट क्या कहती है?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में भारत में लगभग 13.9 लाख कैंसर रोगी पंजीकृत हुए। वहीं, वर्ष 2025 तक यह संख्या बढ़कर 15.6 लाख होने की संभावना है। यानी पांच वर्षों में इसमें लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इसके अनुसार हमें तैयारी करना बहुत जरूरी है।
किस प्रकार के कैंसर में वृद्धि हो रही है
रिपोर्ट में दो सबसे तेजी से बढ़ते कैंसर के प्रकारों, महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरुषों में मुंह के कैंसर के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा, फेफड़ों का कैंसर, पेट का कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर और त्वचा कैंसर भी बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं।
कैंसर के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। इसके पीछे मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान, शारीरिक गतिविधियों की कमी, प्रदूषण आदि हैं। इसके अलावा, भारत में तंबाकू, धूम्रपान, शराब जैसी लत की दर भी अधिक है।
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रोहित कपूर के अनुसार महिलाओं के स्वास्थ्य में हो रहे बदलावों के कारण स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसके मुख्य कारण देर से शादी, देर से गर्भधारण, स्तनपान न करवाना या कम करवाना, मानसिक तनाव बढ़ना, व्यायाम न करना और मोटापा है। आज की व्यस्त जिंदगी में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रही हैं। इससे उनकी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
ओरल कैंसर के बढ़ने के कारण
पुरुषों में ओरल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है और इसके लिए तंबाकू, गुटखा, पान और धूम्रपान जैसी आदतें जिम्मेदार हैं। ओरल हाइजीन का ध्यान नहीं रखा जाता। नियमित जांच नहीं करवाई जाती और इसलिए मुंह में घाव और गांठों का समय पर पता नहीं चल पाता। इन कारणों से ओरल कैंसर बहुत आम और खतरनाक दर से बढ़ रहा है।
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